Home Shahjahanpur News रघुकुल रीति सदा चलि आई, प्राण जाहि पर वचन न जाई

रघुकुल रीति सदा चलि आई, प्राण जाहि पर वचन न जाई

by Suyash Sinha


मुमुक्षु आश्रम में चल रही रामकथा में उमड़ा आस्था का सैलाब
शाहजहांपुर। मुमुक्षु महोत्सव में मुमुक्षु आश्रम में चल रही श्री राम कथा के दूसरे दिन कथा व्यास संत श्री विजय कौशल जी महाराज ने प्रभु श्रीराम के वनवास का प्रसंग सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। कथा का शुभारंभ प्रभु श्रीराम एवं हनुमान जी की स्तुति से हुआ।  कथाव्यास ने कहा कि सत्ता का स्वभाव होता है कि अपने दुर्गुण दिखाई नहीं देते। उन्होंने कहा कि मन को ऊपर उठाने के लिए संयम साधना करनी पड़ती है। राजा दशरथ ने राजसभा में जब राम के राजतिलक की घोषणा की तो पूरे अयोध्या में लोग प्रसन्नता से झूमने लगे। किंतु उन्होंने सत्ता के अहंकारवश गुरु वशिष्ठ के पास स्वयं न जाकर उन्हें राजसभा में बुलाया। यही अहंकार उन्हें नाश की ओर ले गया। कथाव्यास ने कहा कि “बिनु सत्संग विवेक न होई, राम कृपा बिनु सुलभ न सोई”। कुसंग सत्यानाश की जड़ है। राम को माता कैकेयी ही सर्वाधिक चाहती थीं लेकिन मंथरा के कुसंग की वजह से उसने राम के लिए राजा दशरथ से वनवास मांग लिया। राजा दशरथ ने जब सुना कि रानी कैकेयी कोपभवन में चली गई हैं, तो उन्होंने वहां पहुंचकर कहा कि हे रानी! तुम मुझसे कुछ भी मांग लो किंतु राम के राजतिलक के अवसर पर कृपया प्रसन्न रहो। कैकेयी के द्वारा भरत को राजगद्दी एवं राम को चौदह वर्ष का वनवास मांगने के प्रसंग में तुलसीदास जी कहते हैं-“रघुकुल रीति सदा चलि आई, प्राण जाहि पर वचन न जाई”। कैकेयी को दिए वचन की रक्षा के लिए राजा दशरथ ने अपने प्राण त्याग दिए। श्री राम के साथ लक्ष्मण व माता सीता भी वन को प्रस्थान कर गए। कथाव्यास ने कहा कि रामराज्य एवं शांति सदाचरण से आती है। हमें सम्मान मिलने पर आत्मनिरीक्षण अवश्य करना चाहिए। असत्य से सत्य, अंधकार से प्रकाश एवं भोग से भक्ति की ओर जाने का प्रयास करना चाहिए। भजन “राधे राधे रटो, चले आएंगे बिहारी…” पर भक्तगण झूमकर नृत्य करने लगे। कथा के समापन पर आरती एवं प्रसाद वितरण हुआ। कथा के अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी हरिहरानंद, स्वामी सर्वेश्वरानंद, स्वामी हरिदास, रुहेलखंड विश्वविद्यालय के प्रो. अमित सिंह, रतन अग्रवाल, राकेश मिश्रा ‘अनावा’, पूर्व विधायक  देवेंद्र पाल सिंह, विनय मिश्रा  पूर्व केंद्रीय मंत्री कृष्णा राज, राकेश श्रीवास्तव  श्रीकृष्ण पांडेय, एस एस कॉलेज के सचिव डॉ अवनीश मिश्र, प्राचार्य प्रो. आर के आजाद, डॉ जयशंकर ओझा, प्रो अनुराग अग्रवाल, प्रो आलोक मिश्र, सीए संजीव बंसल , कल्पना बंसल, डॉ अमीर सिंह यादव, डॉ अनिल मालवीय, सुयश सिन्हा, शिशिर शुक्ला, मनोज अग्रवाल, रामनिवास गुप्ता, सुधाकर गुप्ता, डा. आलोक कुमार सिंह, ईशपाल सिंह, डॉ श्रीकांत मिश्र आदि सहित हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

You may also like

Leave a Comment

Are you sure want to unlock this post?
Unlock left : 0
Are you sure want to cancel subscription?
-
00:00
00:00
Update Required Flash plugin
-
00:00
00:00