शाहजहांपुर।समाज में शिक्षक किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण करता है, जीवन को एक नई दिशा प्रदान करता है। विद्यालय मात्र एक परिसर नहीं होते बल्कि यहाँ व्यक्ति के व्यक्तित्व का निर्माण किया जाता है। यह विचार एस.एस.कॉलेज के शिक्षक शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित बी.एड. प्रथम वर्ष के अधिष्ठापन एवं अभिविन्यास कार्यक्रम में मुमुक्षु शिक्षा संकुल के अधिष्ठाता स्वामी चिन्मयानन्द सरस्वती ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि हमारे देश में गुरू की तुलना ईश्वर से की गई है क्योंकि एक शिक्षक अर्थात् गुरू हमें ईश्वर तक पहुँचा सकता है। उन्होंने बी.एड. के नव प्रवेशित प्रशिक्षुओं को शुभकामनाऐं देते हुए कहा कि आपको एक ऐसा शिक्षक बनना है जो व्यक्ति में निहित परमात्मा को पहचान सके। उन्होंने कहा कि जीवन का वास्तविक उद्देश्य केवल भौतिक संसाधन जुटाना ही नहीं है बल्कि एक श्रेष्ठ नागरिक बनकर समाज के लिए अपना योगदान देना भी है।कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन एवं पुष्पार्चन के साथ हुआ। विभाग की संगीत प्राध्यापिका डॉ. प्रियंका शर्मा के नेतृत्व में छात्राओं साक्षी सिंह] नेहा,कृतिका चन्देल,अंशिका रस्तोगी और शिवानी सिंह ने सरस्वती वन्दना एवं स्वागत गीत प्रस्तुत किए। विभाग के वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ.प्रभात शुक्ल ने बी.एड. प्रशिक्षण की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि आज से आपका प्रशिक्षण प्रारम्भ हो गया है और इसके साथ ही आपके नये व्यक्तित्व का सृजन भी प्रारम्भ हो गया है। महाविद्यालय के सचिव डॉ. अवनीश कुमार मिश्र ने कहा कि एक शिक्षक समाज को एक सकारात्मक दिशा दिखाता है। वह हमारे अन्दर समाज कल्याण की भावना जागृत करता है। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति के लिए एक शिक्षक बनना गौरव की बात है एक शिक्षक समाज में सर्वाधिक सम्मान पाता है। प्राचार्य प्रो.डॉ. राकेश कुमार आजाद ने नव प्रवेशित बी0एड0 प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण के दौरान होने वाली गतिविधियों से परिचित कराया।विभागाध्यक्ष प्रो.डॉ. मीना शर्मा ने आभार व्यक्त किया। डॉ0 के.के. मिश्रा के संचालन में हुए कार्यक्रम में डॉ.मनोज कुमार मिश्रा, राहुल शुक्ला, रेनू बहुखण्डी, अखिलेश तिवारी, प्रिया शर्मा, बृज निवास, संजय कुमार, राजीव यादव, सौरभ कुमार मिश्रा, रोहित सिंह, अमित गुप्ता आदि उपस्थित रहे।
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