Home News खुद को विश्वामित्र के रूप में देख रहा है भारत: नरेंद्र मोदी

खुद को विश्वामित्र के रूप में देख रहा है भारत: नरेंद्र मोदी

by newadmin
भारत की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत को आगे बढ़ाने में रामचंद्र मिशन और उसके साधकों की बड़ी भूमिका
श्री रामचंद्र मिशन मुख्यालय कान्हा शांति वनम में पीएम मोदी ने किया बाबूजी महाराज की 125 वीं जयंती समारोह का शुभारंभ
रंगारेड्डी ( तेलंगाना) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री रामचंद्र मिशन के वैश्विक मुख्यालय कान्हा शांति वनम में एक कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत अब फिर से अपनी पुरानी परंपराओं को अपना रहा है। पीएम ने कहा कि आध्यात्मिक मार्गदर्शक कमलेश जी ने मानवता के लिए जो काम किया, वह अद्भुत है। पीएम ने कहा कि हमारी सरकार को उनके योगदान को पद्म पुरस्कार से सम्मानित करने का सौभाग्य मिला। उनको सम्मानित करके पुरस्कार स्वयं सम्मानित हो गया है। मोदी ने कहा कि विकसित हो रहा भारत खुद को विश्वमित्र के रूप में देख रहा है। हम हमारी परंपरा के अनुसार दुनिया की मदद के लिए हमेशा आगे रहते हैं, और आगे भी रहेगें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि “कान्हा शांति वनम को दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन हॉल कहा जा रहा है. जब इस हॉल में 1 लाख से ज्यादा लोग एक साथ ध्यान लगाएंगे तो जो ऊर्जा यहां पैदा होगी उसका अंदाज़ा लगाया जा सकता है. इस कान्हा शांति वनम में जिस संस्कृति को हम जी रहे हैं वो हजारों वर्षों के सतत प्रवाह से निरंतर समृद्ध हुई है.इसमें हमारे संतों और तपस्वियों की समृद्ध परंपरा का, समृद्ध विरासत का और अथक एकनिष्ट प्रयासों का प्रतिबिंब है. कान्हा शांति वनम इसी परंपरा को आगे बढ़ा रहा है. आज आपके प्रयासों से 160 से ज्यादा देशों के लोग सहज मार्ग साधना पद्धति से योग और अध्यात्म को अपनाए हुए हैं.जो सच्चा साधक है उसे आप पूरी निष्ठा से योग और ध्यान से परिचित करवाते हैं. ये मानवता की बहुत बड़ी सेवा है. हर ध्यान, हर घर ध्यान, हर दिल ध्यान ये आपका संकल्प भारत ही नहीं बल्कि पूरी मानव जाति की सेवा कर रहा है.अब समय आ गया है कि हम अपनी इस विरासत को एक अभूतपूर्व ऊंचाई पर ले जाएं। इसमें श्री रामचंद्र मिशन और उससे जुड़े साधकों की, आप सबकी बहुत बड़ी भूमिका है।
उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण के लिए , हमें 4 स्तंभों पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है. मैं उन्हें ‘अमृत स्तंभ’ कहता हूं. ये हैं महिला शक्ति, युवा शक्ति, जनशक्ति और उद्यम की शक्ति।पीएम ने कहा कि समृद्धि पैसे से ही नहीं आती है, यह सांस्कृतिक मूल्यों की मजबूती से भी आती है। आज भारत आर्थिक, सांस्कृतिक और कई क्षेत्रों में बड़ी प्रगति कर रहा है। देश एक नये युग में प्रवेश कर रहा है।मोदी ने आगे कहा कि अब समय आ गया है कि हम अपनी विरासत को एक अभूतपूर्व ऊंचाई पर ले जाएं, जिसमें श्री रामचंद्र मिशन और उससे जुड़े साधकों की बहुत बड़ी भूमिका रही है।प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत को गुलाम बनाने वालों ने भी हमारी असली ताकत ज्ञान, ध्यान, योग, आयुर्वेद पर हमला बोला था जिसका हमें बहुत नुकसान हुआ
।ये भारत की आजादी का अमृतकाल है। पूर्व में श्री रामचंद्र मिशन के अध्यक्ष कमलेश डी पटेल “दाजी” ने समृद्ध भारत के निर्माण में प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों की सराहना की और उन्हें अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कान्हा शांतिवनम आश्रम का निरीक्षण भी किया। 

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